[vc_row el_class=”cstm_container”][vc_column][vc_column_text]हो सकता है कि आपने बच्चे के जन्म में देरी की हो और आप 40 की उम्र में ivf के बारे में विचार कर रहे हैं। निश्चित रूप से आईवीएफ में बहुत से विकल्प है और 40 के आसपास या उससे ऊपर भी यह संभव है। इस प्रक्रिया की कोई निर्धारित आयु सीमा नहीं है।
आप अकेले नहीं है, दुनिया भर में कई महिलाएं चालीस साल की उम्र में गर्भधारण की योजना बनाती हैं। IVF एक असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (एआरटी) है, जिसमें कई संभावनाएं है जैसे- अंडे की गुणवत्ता को नियंत्रित करना, सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अंडों को फ्रीज करना और डोनर अंडे का उपयोग भी।
आईवीएफ तकनीक द्वारा 40 या उससे अधिक उम्र में गर्भधारण करने में क्या चुनौतियां हैं, गर्भ धारण कैसे करें और इन विट्रो निषेचन के लिए कब बहुत देर हो जाती है, ऐसे प्रश्न हैं जिनका उत्तर हम इस लेख में देंगे।
40 में गर्भ की प्राकृतिक संभावना
30 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं में प्राकृतिक रूप से गर्भवती होने की हर महीने 20% संभावना होती है, जबकि 40 के आस पास यह 5% रह जाती है।
ऐसा अंडों की संख्या में गिरावट आने के कारण होता है। हालाँकि आईवीएफ यह सब कुछ बदल देता है! आप इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन जैसी सहायक प्रजनन तकनीकों से अपने अवसरों को काफी बढ़ा सकते हैं।
यह आपकी प्रजनन क्षमता, विशिष्ट स्थितियों और स्वास्थ्य के आधार पर संभावनाओ को 5% से 20% तक बढ़ा देता है।
40 और उससे ऊपर की उम्र में आईवीएफ
ना केवल अंडों की मात्रा बल्कि उनकी गुणवत्ता भी चालीस के बाद कम हो जाती है। अंडे की गुणवत्ता भ्रूण की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है।
आईवीएफ का लक्ष्य होता है बहुत सारे भ्रूण प्राप्त करना ताकि हम सबसे अच्छे (परीक्षण द्वारा) चुन सकें और उन्हें वापस गर्भ में प्रत्यारोपित कर सकें।
एक अन्य पैरामीटर जो बढ़ती उम्र के साथ प्रभावित होता है, वह है अंडे की कोशिकाओं की गुणसूत्र(क्रोमोजोम) स्थिति। 40 वर्ष से अधिक
की महिलाओं में लगभग एक तिहाई अंडों में गुणसूत्र संबंधी असामान्यताएं होती हैं। यह प्रतिशत उम्र के साथ और बढ़ता जाता है।
एआरटी गुणसूत्र संबंधी विकारों के लिए आनुवंशिक रूप से अंडों का परीक्षण करने और उन्हें त्यागने का लाभ प्रदान करता है। यह उन महिलाओं को आशा देता है जो मातृत्व को अपनाना चाहती हैं लेकिन आनुवंशिक असामान्यताओं और गर्भपात से डरती हैं।
इसके अलावा, इन-विट्रो-निषेचन दाता अंडे के बजाय अपने स्वयं के oocytes के साथ गर्भवती होने का विकल्प देता है। आईवीएफ में नई तकनीकों का प्रयोग किया जाता है
जो अंडाशय से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अंडे प्राप्त करने के लिए नियंत्रित हार्मोन थेरेपी का उपयोग करते हैं। इसे मिनी-आईवीएफ भी कहा जाता है और यह अधिक उम्र की महिलाओं में काफी प्रचलित है जो डोनर अंडे का उपयोग नहीं करना चाहतीं। खैर, दाता अंडो का उपयोग करके तो निषेचन और बाद में आरोपण किया जा सकता ही है।
40 की उम्र में गर्भधारण करना
चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो आपको पहले से ही अपने डॉक्टरों के साथ गर्भधारण की योजना बना लेनी चाहिए। कुछ महिलाओं को कोई ऐसी बीमारी हो जाती है(क्या वह कोई दवाई खा रहे होते हैं), जो प्रजनन प्रणाली के लिए हानिकारक हैं और भविष्य में शिशु में आनुवंशिक असामान्यताएं पैदा कर सकती हैं।
उस स्थिति में आप अपने अंडे, भ्रूण या दोनों को ही फ्रीज़ कर सकते हैं और बाद में आईवीएफ के माध्यम से उन्हें गर्भाधान के लिए संरक्षित कर सकते हैं।
आप कई और चीज़ें भी आजमा सकते हैं जैसे प्रसवपूर्व विटामिन, नियमित रूप से व्यायाम, स्वस्थ भोजन की आदतें, और शराब, धूम्रपान और कैफीन आदि से दूर रहना। लुधियाना की प्रमुख इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. शिवानी कहती हैं, ” ४० के बाद संतान में आनुवंशिक असामान्यताओं का खतरा हो जाता है, जिसे हम आईवीएफ द्वारा कंट्रोल कर सकते हैं।”
आईवीएफ के लिए किस उम्र में बहुत देर हो जाती है?
आईवीएफ में ओव्यूलेशन, क्रोमोसोमल स्क्रीनिंग, निषेचन और भ्रूण स्थानांतरण की प्रक्रियाएं शामिल है। महिला का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी आवश्यक है क्योंकि अगले नौ महीनों तक उसे शिशु को अपने गर्भ में पालना है।
अलग-अलग देशों में पृथक कानून हैं। डॉक्टरों और सरकारों द्वारा सहमति बनाई गई है कि 50 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए सहायक प्रजनन तकनीकों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
हालांकि उम्रदराज महिलाओं ने भी आयुर्वेद द्वारा बच्चों को जन्म दिया है। एक महिला का उदाहरण भी है जिसने ६६ की उम्र में इन-विट्रो-निषेचन के माध्यम से स्वास्थ्य शिशु को जन्म दिया है। फिर भी, अधिकांश क्लीनिक 50 वर्ष की आयु तक के मामलों को ही स्वीकार करते हैं।
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निष्कर्ष
आईवीएफ पद्धति में प्रगति के साथ-साथ हालिया विकास द्वारा 40 और उससे अधिक उम्र की महिलाएं मां बन सकती हैं। अधिकाधिक महिलाऐं अब उपजाऊ उम्र (35 से कम) में अपने अंडों को फ्रीज कर रही है।
इससे उन्हें अंडा दाताओं का उपयोग किए बिना इन विट्रो निषेचन के साथ अपनी स्वयं की संतान पैदा करने का विकल्प मिल जाता है।
आप भी ‘फर्टिलिटी क्लीनिक से संपर्क करके उनकी मदद ले सकते हैं। डॉ शिवानी कहती हैं, ‘हमारे विशेषज्ञ डॉक्टरों ने आईवीएफ में लगभग सौ प्रतिशत उत्कृष्ट सफलता दर दिखाई है’।
40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में सफल गर्भावस्था की संभावना भले ही 35 वर्ष से कम की महिलाओं से कम हो, लेकिन हमने सफलतापूर्वक इसे संभव बनाया है। आपके पास कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं आप इस पर हम से चर्चा कर सकते हैं। अभी संपर्क करें।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]