पुरुष बांझपन
प्रजनन क्षमता का अर्थ है किसी व्यक्ति की चिकित्सा सहायता के बिना प्रजनन करने की क्षमता। जब किसी पुरुष के पास अपनी महिला साथी को गर्भवती करने की कम संभावना होती है, तो इसे पुरुष बांझपन कहा जाता है। यह आमतौर पर उसकी शुक्राणु कोशिकाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।
पुरुष और महिला दोनों की उर्वरता हॉर्मोनों के नाजुक संतुलन पर निर्भर करती हैं, जिसे पर्यावरणीय कारक प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि आप जो भोजन खाते हैं, पर्यावरण, तनाव तथा अन्य भावनात्मक कारक, बीमारी, शारीरिक सक्रियता और यहाँ तक कि बाहर के परिवेश का तापमान। पुरुष बांझपन से जुड़ी अधिकांश समस्याओं को को आदतों और जीवन शैली के बदलाव ले साथ नियंत्रित किया जा सकता है।
पुरुष बांझपन के कारण
पुरुष बांझपन के कारण आमतौर पर यौन क्रिया या वीर्य की गुणवत्ता से जुड़े होते हैं।
- कामेच्छा या सेक्स ड्राइव– कामेच्छा एक व्यक्ति की यौन इच्छा से संबंधित है। कामेच्छा को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों या सपलीमेंट को कामोत्तेजक कहा जाता है।
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन: जब कोई पुरुष इरेक्शन को विकसित करने या बनाए रखने में असमर्थ होता है, तो इसे इरेक्टाइल डिसफंक्शन या नपुंसकता कहा जाता है।
- शुक्राणुओं की संख्या: वीर्य की एक निश्चित मात्रा में शुक्राणु कोशिकाओं की एकाग्रता वीर्य की गुणवत्ता का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
- शुक्राणु गतिशीलता: तैरने की क्षमता स्वस्थ शुक्राणु कोशिकाओं का एक आवश्यक मापदंड है। शुक्राणु की गतिशीलता की गणना वीर्य के नमूने में शुक्राणु कोशिकाओं के बढ़ने के प्रतिशत से की जाती है।
- टेस्टोस्टेरोन का स्तर: कुछ पुरुषों में बांझपन के लिए पुरुष सेक्स हार्मोन या टेस्टोस्टेरोन का निम्न स्तर भी जिम्मेदार हो सकता है।
बांझपन के कई कारण हो सकते हैं और यह आनुवंशिकी (genetic), सामान्य फिटनेस, बीमारियों और आहार में मिलावट पर भी निर्भर हो सकता है।
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पुरुष प्रजनन क्षमता बढ़ाने के सुझाव और नुस्खे
एंटीऑक्सिडेंट: हमारे शरीर कैंसर और अन्य बीमारियों के कारणों से लड़ने वाले एंटीऑक्सिडेंट पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसे सपलीमेंट के रूप में लेने से क्षतिग्रस्त शुक्राणुओं की मात्रा को कम किया जा सकता है। शुक्राणु स्वास्थ्य के लिए एंटीऑक्सीडेंट के सर्वोत्तम स्रोत जिंक, विटामिन सी, सेलेनियम, विटामिन ई, फोलिक एसिड, कोएंजाइम क्यू 10 और कार्निटाइन हैं।
धूम्रपान छोड़ें: प्रजनन क्षमता धूम्रपान छोड़ने के बहुत कारणों में से एक है। धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्या, शुक्राणु की गतिशीलता को कम करता है, इसके आकार को बदल देता है और डीएनए को भी नुकसान पहुंचा सकता है। धूम्रपान छोड़ने से न केवल इन सभी में सुधार होगा बल्कि आपके सामान्य स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ा सकता है और प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकता है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि जो पुरुष नियमित रूप से व्यायाम करते हैं उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर अधिक होता है और वीर्य की गुणवत्ता उन लोगों की तुलना में बेहतर होती है जो नहीं करते हैं। लेकिन बहुत अधिक व्यायाम से बचने के लिए भी सावधान रहें, क्योंकि इसका प्रतिकूल विपरीत प्रभाव हो सकता है और संभावित रूप से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है।
नियमित यौन संबंध बनाना: गर्भवती होने के लिए जोड़ों को महिला के ओव्यूलेशन के समय के आसपास यौन संबंध बनाने की आवश्यकता होती है। लेकिन नियमित रूप से सेक्स करने से भी स्पर्म को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि संयम के एक दिन बाद शुक्राणु सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इसलिए, हर कुछ दिनों में सेक्स करने से शुक्राणु-स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
तापमान: उच्च तापमान (98.6 डिग्री फ़ारेनहाइट से अधिक) से शुक्राणु क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। गर्म टब और लंबे गर्म स्नान से की हानिकारक गर्मी से शुक्राणु को बचाना चाहिए। लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहने जैसे कि डेस्क पर काम करने से भी अंडकोश का तापमान बढ़ सकता है। लैपटॉप को गोद में लेकर बैठने से भी अधिक गर्मी पैदा होती है। कंप्यूटर को हमेशा डेस्क पर रखने की कोशिश करें और चीजों को ठंडा करने के लिए नियमित अंतराल पर उठें और घूमें।
वजन नियंत्रण: अधिक या कम वजन वाले पुरुषों के शरीर में असंतुलित हार्मोन हो सकते हैं और शुक्राणुओं को प्रभावित कर सकते हैं। मोटापे का पुरुषों और महिलाओं दोनों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर और प्रजनन क्षमता पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि आप अधिक वजन वाले हैं, तो व्यायाम और नियमित आहार शुरू करें और अपना बीएमआई (BMI) सामान्य सीमा के भीतर ले कर आएं।
शराब सीमित करें: अधिक मात्रा में शराब पीने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। अपने सेवन को प्रति सप्ताह एक सीमित मात्रा तक सीमित रखें।
पर्याप्त नींद लें: अपर्याप्त नींद रक्त में कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती है, टेस्टोस्टेरोन को कम कर सकती है। अच्छे स्वास्थ्य, सामान्य स्वास्थ्य और जीवन शक्ति के लिए हर रात कम से कम सात घंटे की गहरी नींद लेने की कोशिश करें।
कैफ़ीन की मात्रा घटाएँ: कैफ़ीन सेवन की उच्च मात्रा का पुरुषों और महिलाओं दोनों की उर्वरता पर बुरा असर पड़ता है। गर्भ धारण करने के लिए इच्छुक दंपत्तियों को गर्भवती होने का प्रयास करने के दौरान अपने आहार से कैफ़ीन की मात्रा हटा ही देनी चाहिए।
कुछ दवाओं से परहेज: स्वस्थ शुक्राणु उत्पादन कभी-कभी एंटीबायोटिक्स, एंटी-एंड्रोजन, एंटी-इंफ्लैमेटरीज, एंटीड्रिप्रेसेंट्स, एनाबॉलिक स्टेरॉयड इत्यादि जैसी कुछ चिकित्सकीय दवाओं से भी कम हो जाते हैं। अगर आपको लगता है कि आप जो दवा ले रहे हैं उस से शुक्राणुओं की संख्या या प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है तो डॉक्टर से परामर्श लें।
कुछ चिकित्सीय स्थितियां और संक्रमण भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं। पुरुषों में बांझपन के कारणों में से एक प्रजनन प्रणाली या मूत्र पथ का अनियंत्रित या अनुपचारित संक्रमण भी हो सकता है। यौन संचारित संक्रमण भी शुक्राणु की गतिशीलता को कम कर सकते हैं। अपने वर्तमान और पिछले स्वास्थ्य इतिहास के बारे में हमेशा अपने डॉक्टर से ईमानदार रहें।
सारांश
पुरुष बांझपन ज्यादातर जीवनशैली और कुछ अंतर्निहित स्थितियों से जुड़ा होता है। एक अच्छे प्रजनन विशेषज्ञ के परामर्श एवं जीवनशैली में कुछ संशोधन इन स्थितियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
डॉ. शिवानी भूटानी कई वर्षों से बांझपन के मुद्दों वाले जोड़ों का सफलतापूर्वक इलाज कर रही हैं।