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आइए समझें – किशोरों में अग्रवर्ती घुटने का दर्द (एंटीरियर नी पेन)

[vc_row el_class=”cstm_container”][vc_column][vc_column_text]किशोरों में अग्रवर्ती  घुटने का दर्द एक स्थानीय

चोट है जो घुटने की टोपी के नीचे और पिंडली की हड्डी के ठीक ऊपर, घुटने के अग्रभाग में केंद्रित होती है। इसे अंग्रेजी में AKP यानी एंटीरियर नी पेन कहा जाता है। सरल भाषा में इसका नाम है ‘रनर्स नी’ यानी एक धावक का घुटना। मूलतः यह एक स्पोर्ट्स इंजरी है जो खेल में भाग लेने वाले किशोरों या युवा वयस्कों में होती है विशेषकर बालिकाओं में। 

ऑर्थोस्कोपी सर्जन और स्पोट्र्स इंजरी विशेषज्ञ डॉ. तनवीर भूटानी बताते हैं कि पहले जमाने में घुटने में क्षति होने पर खिलाड़ियों का कैरियर ही खत्म हो जाया करता था।

किशोरों में भी घुटने पर सीधी चोट लगने से, गलत मूवमेंट, या हॉकी, फुटबॉल, बैडमिंटन आदि जैसे खेलों के दौरान अचानक टांग की स्थिति बदलने से नी कैप चुटिल हो सकती है। अब हर प्रकार के उन्नत और एडवांस्ड उपचार उपलब्ध हैं जो AKP से पूरी तरह से निजात दिलाते हैं।

लक्षण

अग्रवर्ती घुटना एक आम शिकायत है जिसकी पुष्टि लक्षणों को देखते हुए बाकी सब विषमताओं को खारिज करने के बाद ही होती है। AKP का प्रमुख लक्षण है पीड़ा।

सामान्यतया पीड़ा की शुरुआत धीरे-धीरे होती है, परंतु यह एक आकस्मिक उठने वाला दर्द भी हो सकता है। सबसे पहले घुटने के आसपास या पिछले भाग में तकलीफ की शुरुआत होती है। इसमें रोगी के लिए स्वयं दर्द के स्त्रोत का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है। 

अन्य सामान्य लक्षण हैं- घुटने में से कट-कट की आवाज आना, लचीलापन कम हो जाना या घुटने का चटक जाना। 

एंटीरियर नी पेन के कारण क्या हैं?

किशोर अग्रवर्ती घुटने के दर्द के बहुत से कारण होते हैं और उनके निदान भी कई हैं। मुख्यतः घुटनों पर लगातार दबाव बनाये रखना और खेलो और कठिन व्यायाम से पहले उचित वार्म-अप ना करना AKP के कारण बन जाते हैं। हालाँकि इस स्थिति को ट्रिगर करने के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जैसे:

  • स्पोट्र्स इंजरी: मैदान में या घर से बाहर खेले जाने वाले खेलों (आउटडोर गेम्स) के दौरान जब घुटने पर अत्यधिक भार पड़े, या सीधी चोट लगे तो नी कैप क्षतिग्रस्त हो जाता है। ऐसा अक्सर क्रिकेट, दौड़ने-कूदने, बास्केटबॉल आदि खेलों के दौरान होता है। 
  • कठोर या कमजोर क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग: जांघों की मांसपेशियों का कमजोर होना।
  • जांघ की मांसपेशियों का असंतुलन जो घुटने के जोड़ को पकड़ती है
  • टांगों का टेढ़ा होना- ऐसा होने से घुटने का पेटेला सीधी लाइन में नहीं रहता। 
  • अनुचित खेल प्रशिक्षण विधियों या उपकरणों का इस्तेमाल।
  • नए जूते या खेल की सतह- अचानक से जूते या खेल की सतह बदलने से घुटनों के आसपास सूजन हो सकती है। 
  • ग़लत वर्कआउट – जांघ की मांसपेशियों का अति प्रयोग, या प्रशिक्षण में आया अचानक बदलाव जो अग्र घुटने की हड्डियों और टेंडोंस पर ज़ोर डालें। 
  • कूल्हे या फीमर की समस्या – हिप्स और जांघों का दर्द भी घुटने में आ सकता है।
  • घुटने के जोड़ में ओस्टियोकॉन्ड्राइटिस डिस्केन्स-कार्टिलेज दोष।
  • संक्रमित स्नायुबंधन और ऊतक- घुटने के आसपास के उत्तर को और स्नायुबंधनों का संक्रमित होना।
  • बोनी ट्यूमर – यह बहुत ही असामान्य है, पर इसे खारिज करना जरूरी है। 
  • पूर्व चोट, सर्जरी, या गठिया-  पूर्व में किसी भी गंभीर रोग का होना।

इलाज

किशोरों में अग्रवर्ती घुटने का दर्द एक आम शिकायत है लेकिन बच्चों और उनके परिवारों के लिए एक चिंता का विषय है। यह समस्या आगे चलकर गंभीर रूप धारण कर सकती है। एक बार रोग की सही पुष्टि होने पर इलाज आसान हो जाता है।  इसका उपचार काफी हद तक कारणों पर निर्भर करता है।

पहले आपके आर्थोपेडिक सर्जन मरीज के घुटने की ताकत, लचीलेपन और मोड़ने की क्षमता का परीक्षण करेंगे। कारणों को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर जांच करवा सकते हैं, जैसे एक्स-रे और एम.आर.आई. (चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग)।

MRI से सूक्ष्म ऊतकों, tendons, स्नायुबंधन और उपास्थियों का अधिक विस्तृत मूल्यांकन संभव हो जाता है। सूजन और संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए‌ आइस पैक और दर्द निवारक दवाएं दी जाती है। डॉक्टर मरीज को आराम करने की सलाह देते हैं।

एक बार दर्द और सूजन कम हो जाए तो आवश्यक है कि एथलेटिक गतिविधियों और प्रशिक्षण तकनीकों में संशोधन किया जाए। ज्यादातर मामलों में मरीज को फिजियोथैरेपिस्ट द्वारा डिज़ाइन किया गया मांसपेशियों को मजबूत करने वाला एक्सरसाइज प्रोग्राम दिया जाता है। क्षति से राहत देने में घुटने का गार्ड या आस्तीन भी सहायक सिद्ध होता है।

पुनर्वासन

जब भी किशोर या वयस्क खेलों में ज्यादा सक्रिय होते हैं तो अग्रवर्ती घुटने के दर्द को नियंत्रण में रखने के लिए‌ यह जरूरी है की हर एक गतिविधि घुटने के जोड़ के लिए नुकसानदेय न हो।  एथलेटिक प्रशिक्षण आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए। वर्कआउट में व्यायाम शामिल करना चाहिए जो हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स को मजबूत करता है, जिससे उन्हें लचीला बनाया जाता है। दर्द को ट्रिगर करने वाले स्थितियों को रोकना चाहिए।

अपने जवानों के लिए उनके खेल या गतिविधि के आधार पर जूते को सावधानी से चुना जाना चाहिए।  जॉगिंग, टेनिस, फुटबॉल और अन्य सभी खेलों के लिए अलग-अलग विशिष्ट जूते होते हैं। और हां, बच्चे को नी-गार्ड जरूर पहनने चाहिए।

खेलने की सतह की भी भूमिका होती है। अगर भूतकाल में अचानक कोई बदलाव हुआ था, तो भविष्य में सावधानी बरतनी जरूरी है। मिट्टी, कंक्रीट, लकड़ी और घास, अलग-अलग मैदान घुटनों को उनकी प्रतिरोधक क्षमता( buffering) के अनुसार अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं।

सब कुछ एकदम से बंद ना करें। किशोरों को साइकिल चलाने और पैदल चलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

कुछ हफ्तों की अवधि में ही आपका बच्चा सामान्य खेल गतिविधियों फिर से आरंभ कर सकता है। 

निष्कर्ष

अग्रवर्ती घुटने के दर्द बच्चों और किशोरों में प्रचलित है। इसका निदान काफी चुनौतीपूर्ण है जिसके लिए मरीज के विस्तृत इतिहास और शारीर का परीक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है। गंभीर बीमारियों को भी खारिज करना अत्यंत आवश्यक है। रोगी की पूर्व बीमारियों और नैदानिक ​​परीक्षा के गहन अध्ययन से AKP का सही निदान और उपचार संभव होता है।

अगर आपके बच्चे को भी घुटनों में दर्द है तो जल्द से जल्द आप ईवा अस्पताल लुधियाना में डॉक्टर तनवीर भूटानी से संपर्क करें।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]

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