[vc_row el_class=”cstm_container”][vc_column][vc_column_text]आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया में पुरुष का योगदान अंडों के निषेचन के लिए शुक्राणु प्रदान करना होता है। इस संपूर्ण प्रक्रिया की सफलता उनके वीर्य के नमूने ( सैंपल) की गुणवत्ता पर काफी हद तक निर्भर करती है।
इसीलिए पुरुष के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह अपना बेहतरीन सैंपल भ्रूण वैज्ञानिक को दें। इसके लिए आपको प्रयास पहले ही शुरू कर देने चाहिए ताकि जब आपकी पत्नी का अंडा पुनर्प्राप्ति का चरण आए तो आप तैयार हों।
पुरुषों में भी प्रजनन कोशिकाओं का उत्पादन चक्रीय होता है और शुक्राणुओं को स्खलन से पहले परिपक्व होने में लगभग 64 दिन लगते हैं।
इसका मतलब है कि अंडा पुनर्प्राप्ति से 64 दिन पहले उन्हें अपने पोषण और जीवन शैली में उचित बदलाव करने होंगे। इन आहार और लाइफ स्टाइल बदलाव को आईवीएफ से 2-3 महीने पहले अपनाया जा सकता है।
आईवीएफ चिकित्सा में पुरुष की भूमिका
आइए संक्षेप में जान लें कि IVF की प्रक्रिया क्या है और इसमें में पुरुष की क्या भूमिका है।
- महिलाओं के लिए उर्वरक औषधियां
- अंडा पुनर्प्राप्ति
- शुक्राणु पुनर्प्राप्ति
- निषेचन – शुक्राणुओं और अंडों का एंब्रॉलजी लैबोरेट्री में निषेचन करवाना (शरीर से बाहर)
- प्रत्यारोपण- उपलब्ध भ्रूणों को गर्भाशय में स्थापित करना
चरण ३ शुक्राणु पुनर्प्राप्ति और चरण २ अंडा पुनर्प्राप्ति एक ही समय पर किया जाता है।यह हस्तमैथुन या अन्य विधियों द्वारा किया जा सकता है।
कैसे करें शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार
अगर आप एक ऐसे दम्पत्ति हैं जो आईवीएफ के माध्यम से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं, तो पति होने के नाते आप वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ पत्नी को भावनात्मक समर्थन भी प्रदान कर सकते हैं।
जहां तक वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रश्न है, तो आपके पास अपना सर्वश्रेष्ठ नमूना देने लिए दो से तीन महीने हैं क्योंकि इस चक्र में इतना समय लगता ही है।
शायद आप जानते हों कि हर दिन लाखों शुक्राणु पैदा होते हैं, लेकिन वे समान गुणवत्ता, आकार और गतिशीलता के नहीं होते। गतिशीलता और घनत्व दोनों ही समय-समय पर बदलते रहते हैं। हालांकि एक स्वस्थ आहार और जीवन शैली को बनाए रखने से कोशिका उत्पादन अच्छा ही होगा।
चूंकि शुक्राणुओं को परिपक्व होने में 2 से 3 महीने का समय लगता है, इसलिए आपके सैंपल देने के पहले के महीनों में आप जो भी विकल्प चुनेंगे वह उनकी गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। आइए देखें कि कौन से विकल्प आपके युग्मक की गुणवत्ता और गिनती को प्रभावित कर सकते हैं।
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भावनात्मक दशा। अध्ययनों से पता चला है कि जो दम्पत्ति IVF से पहले काउंसलिंग लेते हैं, वह आईवीएफ की चुनौतियों से जूझने में मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से अधिक सक्षम होते हैं।
आहार प्रकार। प्रजनन उपचार की प्रक्रिया में भाग लेने वाले पुरुषों को अपने आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लुधियाना की प्रमुख इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ शिवानी भूटानी कहती हैं, ”असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (एआरटी) के जरिए फर्टिलिटी ट्रीटमेंट कराने वाले पुरुषों को बेहतरीन माइक्रोन्यूट्रिएंट्स वाले आहार का सेवन करना चाहिए। यह समुद्री खाद्य, अंडे, मुर्गा, सूखे मेवे, साबुत अनाज, फल और ताजी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।”
हार्मोन-विघटनकारी खनिजों से दूरी
गैर-जैविक फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले सीसा, पारा और पैराबेन जैसे रसायन होते हैं, जो आपके शुक्राणुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। ईवा अस्पताल में आपको इन रसायनों व खाद्य पदार्थों की एक सूची प्रदान की जाती है जिनका सेवन नहीं करना चाहिए।
वीर्यकोष का तापमान टम रखें। अपने पेट और जांध के बीच के भाग को शीतल रखें। गर्म टब, जकूज़ी, सौना और यहां तक कि गर्म पानी से स्नान के संपर्क से शुक्राणुओं की संख्या कम हो सकती है। ढीले हवादार कपड़े पहनें, और कभी भी अपने लैपटॉप को सीधे अपनी गोद में न रखें।
अत्यधिक शराब पीना बंद करें। अगर आप ज्यादा शराब पीते हैं तो बंद कर दीजिए। यह शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों को को कम करेगा। अच्छी बात यह है की पूर्व में शराब पीने से वीर्य पर जो असर पड़ा है शराब छोड़ने से वह सही हो सकता है। आईवीएफ प्रक्रिया से पहले प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार के लिए शराब का सेवन कम करें।
धूम्रपान छोड़ दें। यही समय है और धूम्रपान छोड़ना ही बेहतर है। अध्ययनों में पाया गया है कि धूम्रपान शुक्रान मानकों को अत्यधिक प्रभावित करता है। यह शरीर में विषाक्त पदार्थ डालता है जो उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं।
पूरी नींद लें। अपनी नींद की मात्रा और चक्र को संतुलित करें। बहुत कम, और बहुत अधिक, दोनों ही सही नहीं हैं। नौ घंटे से ज्यादा और छह घंटे से कम सोने से आपके स्पर्म पर असर पड़ सकता है। इसलिए, सही मात्रा में नींद लेना IVF के लिए महत्वपूर्ण है।
अनुपूरक खुराक। कुछ ऐसे विटामिन जड़ी बूटियां और सप्लीमेंट्स है जो शुक्राणु की गुणवत्ता और विशेषता में सुधार लाते हैं। यही नहीं, ये उत्पादन, और कामेच्छा भी बढ़ा सकते हैं।
इनमें से कुछ हैं:
विटामिन सी। अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि वजन घटाने के साथ विटामिन सी लेने से शुक्राणु की गतिशीलता में सुधार हो सकता है।
विटामिन डी। शोधकर्ताओं ने पाया है कि शुक्राणुओं में विटामिन डी रिसेप्टर होता है और यह अनुशंसा की जाती है कि आईवीएफ की तैयारी करने वाले पुरुषों को इसका सेवन करना चाहिए।
जिंक। पुरुषों में जिंक और इनफर्टिलिटी के बीच संबंध पाया गया है। आईवीएफ से दो-तीन महीने पहले ही जिंक और फोलिक एसिड को अपने भोजन में शामिल करें।
अश्वगंधा। यह एक पारंपरिक भारतीय आयुर्वेदिक दवा है जिसकी पहचान विशेष रुप से पुरुषों में यौन रोग और बांझपन के इलाज के लिए की गई है। 3 महीने के सेवन से शुक्राणुओं की संख्या में 2.5 गुना वृद्धि, वीर्य की मात्रा में 1.5 गुना वृद्धि और गतिशीलता पाई गई।
बी विटामिन। आईवीएफ की तैयारी करते समय बी विटामिन की दैनिक खुराक लेना एक बेहतरीन विकल्प है।
ईवा आईवीएफ सेंटर की डॉ. शिवानी कहती हैं, “ शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता पुरुषों में सही होने से IVF और ICSI (आईसीएसआई ) अधिक कारगर साबित हो सकती है।”[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]